Wednesday, 10 July 2019

Mere Papa/Best Hindi poem on father 2020. Father's Day poem

Hi friends ,
Today I'm gonna share a beautiful poem that I came cross on father ... Our best friend ,a true inspiration for whole life and best part of our life. I'm blessed to have in my life.So do you.
Hence sharing this with you all and request you to respect your parents.They might  be strict but they are first and last well wisher of our life. Nothing can replace the love  of our parents.

     Here it is very beautifully expressed all emotions related to our dear father . I hope you would love to read it n flow with the emotions and may picture all the scene's. Enjoy reading friends.


यूं तो जिन्दगी मे बहुत से रिश्ते देखे है,
पर मेरे पापा के सामने वो सारे फीके है..
यूं तो सब लोग कहकर भी मुकर जाते है,
पापा वो है जो बिन कहे ही सब कर जाते है..

बाहर से सख्त और भीतर से नर्म होते है,
पापा वो है जो बच्चो मे फर्क नही करते है..
सख्त सी आवाज के पीछे निश्छल प्यार छिपाते है  पापा,
नयी कर लो कभी खुद की फटी पुरानी जरूरते भी पापा..

छोटी सी नौकरी मे भी मेरी हर बड़ी ख्वाहिश पूरी करते,
हमारी खुशी को सम्भव करने वाले ये क्या किसी जादूगर से कम होते..
वो न दिन देखते है न रात देखते है,
बस हमारी जरूरतो के लिए अपनी पूरी उम्र बेच देते है..

मुश्किलो की कड़ी धूप खुद अकेले ही सहकर,
सुख की ठंडी छाँव मे ही हमे देते है..
पिता जिंदगी का वो  अटूट विश्वासरुपी धागा है,
जो हमारे गिरने से पहले ही हाथ थाम लेते है..

घर का अस्तित्व और आधार जिनसे होता है,
पिता वो है सहनशक्ति का अम्बार जिसमे होता है..
अप्रदर्शित अनन्त प्रेम का जो स्वरुप होता है,
पिता का स्नेह बड़ा ही अनूठा कभी खट्टा तो  कभी मीठा होता है..

जब कमर झुक जाती है हमारी खुशीयों की दीवार खड़ी करते करते,
और आँखें भी बूढ़ी हो जाती है अपनी हैसियत से ज्यादा करते करते ..
बस अब बुढ़ापे मे उनकी आशाओ को अनाथ न करना,
अब हमारी बारी है कभी उनको निराश न करना..

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